वाइल्डलाइफ वार्डन और भोपाल-बैतूल की तीन टीमों ने तेंदुए की खाल के तीसरे तस्कर को दबौचा


महाराष्ट्र-एमपी बॉर्डर से हुआ गिरफ्तार


वाइल्ड लाइफ वार्डन और उड़नदस्ते ने 12 दिसंबर को देर रात एमपी-महाराष्ट्र की बार्डर से तेंदुए की खाल के तीसरे तस्कर को गिरफ्तार किया है। इस कार्रवाई में होशंगाबाद एसटीएफ और बेतूल वनअमले ने भी अहम भूमिका निभाई। गौरतलब है कि इससे पहले वनअमला दो अन्य तस्करों को गिरफ्तार कर एक तेंदुए की खाल बरामद कर चुका है।


जिला वन्यप्राणी अभिरक्षक भोपाल, आसिफ हसन से मिली जानकारी के अऩुसार गुरुवार अल-सुबह मुखबिर से सूचना मिली की तेंदुए की तस्करी में लिप्त एक फरार आरोपी अब्दुल ऐफाज़ महाराष्ट्र के जिला अमरावती में स्थित सालबर्णी गांव और मध्यप्रदेश के आठनेर थाना क्षेत्र में घूमता नजर आ रहा है। सूचना मिलते ही आसिफ ने इस मामले के जानकारी भोपाल सीसीएफ रवीन्द्र सक्सेना को दी।


जिसके तुरंत बाद सीसीएफ सक्सेना ने एमपी-महाराष्ट्र बार्डर स्थित बेतूल वन वृत्त के सीसीएफ ऐके सिंह को जानकारी देकर वन्यप्राणी अभिरक्षक आसिफ और उड़नदस्ता भोपाल की मदद करने को कहा।


सीसीएफ भोपाल सक्सेना से आरोपी को पकड़ने के निर्देश मिलते ही अभिरक्षक आसिफ हसन की अगुवाई में उड़नदस्ता टीम के अन्य 5 वनकर्मी बैतूल के लिए सुबह छह बजे रवाना हुए।


आसिफ हसन ने बताया कि रास्ते में एसटीएफ होशंगाबाद की 4 सदस्सीय टीम भी एक अन्य वाहन से इनके साथ बैतूल की तरफ आगे बढ़े।


बैतूल पहुंचते ही वहां के सीसीएफ ऐके सिंह के आदेश पर पश्चिम बैतूल के डीएफओ मयंक चांदवाले ने एमपी-महाराष्ट्र की बार्डर पर स्थित मुर्शी रेंज के रेंजर को भोपाल की टीम का सहयोग करने के निर्दश दिए।


आसिफ हसन की अगुवाई में फॉरेस्ट की तीन टीमों ने मुखबिर द्रारा बताए गए आरोपी के ठिकाने की कई घंटे रेकी करी. इस दौरान आरोपी ऐफाज, सालबर्णी स्थित अपने पिता हफीज की मुर्गे की दुकान पर नजर आया। जिसके बाद हरकत में आते हुए वन विभाग की तीनों टीमों ने मिलकर आरोपी अब्दुल ऐफाज़ को धर दबौचा।


मुर्शी रेज लाकर जब आरोपी से पूछताछ की गई तो उसने तेंदुए की खाल की तस्करी में अपनी भूमिका होना स्वीकार किया।


आरोपी के बयानों के आधार पर वन अमले ने इस तस्करी में शामिल दो अन्य तस्करों के ठिकानों पर भी छापा मारा, लेकिन वे दोनों मौके से गायब मिले।


फिलहाल फॉरेस्ट स्टाफ ने आरोपी को गिरफ्तार कर भोपाल कार्ट में पेश किया। जहां अदालत के आदेश पर आरोपी अब्दुल आफाज़ को जेल रिमांड पर भेज दिया है।


गौरतलब है कि बीती 21 दिसंबर को उड़नदस्ता भोपाल और क्राइम ब्रांच पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर एमपीनगर थाना छेत्र स्थित गायत्री मंदिर के पास से बेतूल से आई एक बस में से उतरते है आरोपी सत्यपाल बावने को तेंदुए की खाल के साथ गिरफ्तार किया था। जिसके बयानों के आधार पर वन्यप्राणी अभिरक्षक आसिफ हसन ने भोपाल उड़नदस्ते के सहयोग से अन्य आरोपी रेतिश गर्ग को एमपीनगर से गिफरतार किया। आरोपी रितेश और सत्यपाल के बयानों के बाद खुलासा हुआ की यह लोग तेंदुए और अन्य वन्यप्राणियों और उनके अवशेषों की तस्करी करते है। पकड़े गए आरोपी के संपर्क एमपी और महारष्ट्र के कुछ शिकारियों से है। गिरफ्तार आरोपी शिकारियों से जंगली जानवरों की खाले और अन्य अवशेष खरीदकर भारत और अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में सप्लाई करते है।


वन्यप्राणी अभिरक्षक आसिफ हसन का कहना है कि सीसीएफ भोपाल के निर्देश मिलने के बाद वह भोपाल वनमण्डल के उड़नदस्ता के साथ तेंदए की खाल की तस्करी मामले में जांच और इस अवेध धंधे में लिप्त शिकारियों और आरोपरियों की तलाश में लगे हुए है।


तीन आरोपियों के पकड़ में आने के बाद फिलहाल वनअमला अंडरग्राउंड हुए करीब आधा दर्जन आरोपियों की तलाश में सरगर्मी से लगा हुआ है।